उद्देश्य:


  1. प्रशिक्षुओं को शैक्षिक, व्यवसायिक आदि सहायता करना।
  2. छात्र एवं छात्राओं को विभिन्न परिस्थितियों में भावात्मक रूप से समायोजन की शक्ति विकसित करना।
  3. छात्र एवं छात्राओं के जीवन में कठिनाई की स्थिति में स्वंय को सम्भलने की क्षमता विकसित करना।
  4. छात्रों में जीवन के विभिन्न चुनौतियों का सामना करने की शक्ति विकसित करना।
  5. अपनी शक्ति एवं कमजोरी को पहचानने की क्षमता विकसित करना।


कार्य:


  1. प्रशिक्षुओं को व्यवसायिक मार्गदर्शन देकर व्यवसाय चुनने मे सहायता करना।
  2. तनाव प्रबंधन, जागरूकता एवं संवेगात्मक बुद्धि को विकसित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन करना।
  3. कैरियर निर्देशन एवं व्यक्तिगत परामर्श के लिए परामर्श के लिए सलाह देना।
  4. प्रशिक्षुओं का विभिन्न संगठनों द्वारा दिये जाने वाले छात्रवृति के संबंध में जानकारी देना।
  5. प्रशिक्षुओं के भावात्मक, व्यवहारिक, शैक्षिक एवं सामाजिक समस्याओं का मनोवैज्ञानिक दंड से समाधान करना।
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